Silvassa मामलतदार कार्यालय में भ्रष्टाचार का बोलबाला, पब्लिक ने लगाई जांच की गुहार- Jansagar News DNH
Silvassa : सिलवासा के मामलतदार अधिकारी वर्तमान में जनता की समस्याओं को नजरअंदाज करने और सरकारी कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों और विभिन्न नागरिक संगठनों द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों में जमीन म्यूटेशन की प्रक्रिया में देरी, रिश्वतखोरी, और संपत्ति मामलों में पक्षपात शामिल हैं। इन आरोपों ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है, और लोगों का विश्वास प्रशासनिक व्यवस्था पर कमजोर होता दिख रहा है.
संपत्ति के दाखिल-खारिज और म्यूटेशन जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में मामलतदार कार्यालय पर आरोप है कि वहां घूस लिए बिना कोई काम नहीं होता। यह प्रक्रिया, जो सामान्यतः कुछ हफ्तों में पूरी होनी चाहिए, सिलवासा में महीनों और सालों तक लंबित रहती है। नागरिकों का कहना है कि मामलतदार कार्यालय में नियुक्त कर्मचारियों द्वारा म्यूटेशन के लिए 10-15 हजार रुपये या कुछ मामले में उससे अधिक की रिश्वत मांगी जाती है। अगर यह रकम नहीं दी जाती, तो काम वर्षों तक अटका रहता है।
सूत्रों के अनुसार, सिलवासा मामलतदार के साथ निचले स्तर के अधिकारियों, विशेषकर तलाठी अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार किया जा रहा है। सिलवासा के कई निवासी बताते हैं कि मामलतदार के पास पहुँचने से पहले ही तलाठी अधिकारी घूस की रकम तय कर लेते हैं। मामलतदार कार्यालय में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को इस भ्रष्ट तंत्र का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी मुश्किलें कई गुना बढ़ जाती हैं।
निवास प्रमाण पत्र, डोमिसाइल, इनकम सर्टिफिकेट और अन्य आवश्यक सरकारी दस्तावेजों के लिए भी सिलवासा मामलतदार कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है। जनता का आरोप है कि सिलवासा मामलतदार साहब और उनके कर्मचारी बिना रिश्वत के किसी का काम नहीं करते। यह घूसखोरी यहां इतनी व्यापक हो चुकी है कि हर छोटे-बड़े काम के लिए नागरिकों को पैसे देने पर मजबूर किया जा रहा है। कई लोग महीनों तक अपने दस्तावेज़ नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं, जिससे उनकी सरकारी नौकरी और अन्य सेवाओं में आवेदन प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
सिलवासा ममलतदार के कार्यप्रणाली से समाहर्ता कार्यालय के अन्य बड़े अधिकारी भी परेशान है। सब कुछ जानते हुए भी वे कोई ठोस कार्यवाही नही कर पा रहे हैं। सिलवासा ममलतदार जो सिलवासा सब-जेल के जेलर भी हैं, उन पर जेल में भी कैदियों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करने के आरोप लगे हैं। जेल में कैदियों द्वारा किए गए शिकायतों के अनुसार, उन्हें पौष्टिक भोजन नहीं मिल रहा है, और केवल विशेष कैदियों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं। आरोप है कि विशेष कैदियों के परिवार द्वारा घूस देने पर उन्हें अधिक सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं, जबकि अन्य कैदी बदतर परिस्थितियों में जीवन व्यतीत करने पर मजबूर हैं। यह न केवल जेल प्रशासन के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि मानवीय मूल्यों के खिलाफ भी है।
सेना,और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं में नियुक्ति के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों की सत्यापन प्रक्रिया मामलतदार कार्यालय में होनी चाहिए, लेकिन इनपर आरोप है कि वे इस प्रक्रिया को जानबूझकर टालते हैं। स्थानीय युवाओं का कहना है कि मामलतदार द्वारा उनके दस्तावेज़ों की सत्यापन प्रक्रिया महीनों तक लंबित रखी जाती है, और उन्हें बार-बार कार्यालय के चक्कर लगाने पर मजबूर किया जाता है। कई मामलों में, ममलातदार जी अन्य सरकारी अधिकारियों से हस्ताक्षर और सत्यापन लाने के बहाने युवाओं का काम रोकते हैं। यह रवैया युवाओं के करियर को बर्बाद कर रहा है, जिससे उनमें गहरा आक्रोश व्याप्त है।
संपत्ति विवादों और जमीन के मामलों में इनपर पक्षपात के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मामलतदार केवल पैसे वालों का पक्ष लेते हैं और उनके फैसले हमेशा उनके हित में ही होते हैं। इसका सीधा असर गरीब और वंचित तबकों पर पड़ रहा है, जो न्याय से वंचित हो रहे हैं। मामलतदार कार्यालय में सैकड़ों मामले लंबित पड़े हैं, और नागरिकों का कहना है कि इनके कारण उनके मामलों की सुनवाई समय पर नहीं हो रही है।
सिलवासा के नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से तत्काल इस मामले की जांच कराने की मांग की है। जनता का कहना है कि अगर सिलवासा मामलतदार के खिलाफ लगाए गए आरोप सही साबित होते हैं, तो उन्हें तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाया जाए और उन पर उचित कार्रवाई की जाए।
जनता का यह भी कहना है कि पारदर्शिता और समयबद्ध कार्रवाई ही प्रशासन में विश्वास बनाए रखने का सबसे प्रभावी तरीका है। प्रशासन की निष्क्रियता से जनता का विश्वास सरकारी तंत्र पर से उठ रहा है, इसलिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है।
इस मामले में जनता की नाराज़गी और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों ने सिलवासा में स्थिति को गंभीर बना दिया है। प्रशासनिक अधिकारियों से उम्मीद है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और नागरिकों के हित में जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करें।
-Jansagar News Desk DNH