Paris Paralympic 2024 में भारतीय पैरा तीरंदाज शीतल देवी और सरिता कुमारी का सफर शनिवार को समाप्त हो गया। शीतल देवी को राउंड ऑफ 16 में चिली की मारियाना जुनिगा ने हरा दिया, जबकि सरिता कुमारी क्वार्टर फाइनल में तुर्की की ओज़नूर गिर्डी क्यूर से पराजित हो गईं। इस हार के साथ ही भारत की पदक उम्मीदों को एक बड़ा झटका लगा है।
शीतल देवी का सफर
22 वर्षीय चिली की तीरंदाज, मारियाना जुनिगा, जिन्होंने तीन साल पहले टोक्यो पैरालिंपिक में रजत पदक जीता था, ने शीतल देवी को राउंड ऑफ 16 में हराकर बाहर कर दिया। शीतल, जो जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ की रहने वाली हैं, अपनी असाधारण प्रतिभा और साहसिक संघर्ष से दुनिया का ध्यान आकर्षित कर चुकी हैं। जन्म से ही फोकोमेलिया नामक दुर्लभ जन्मजात विकार से पीड़ित शीतल के पास दोनों हाथ नहीं हैं।
उनकी किस्मत 2019 में बदली जब उन्हें भारतीय सेना ने एक सैन्य शिविर में खोजा। सेना ने उनकी क्षमता को पहचाना और उन्हें शैक्षिक सहायता और चिकित्सा देखभाल प्रदान की। इसके बाद, शीतल ने एशियाई पैरा गेम्स 2022 में महिला टीम स्पर्धा में रजत पदक और व्यक्तिगत एवं मिश्रित टीम स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी जगह मजबूत की। उन्होंने पिछले साल विश्व तीरंदाजी पैरा चैंपियनशिप में व्यक्तिगत रजत पदक भी जीता। पेरिस पैरालिंपिक से पहले, उन्हें भारत की सबसे मजबूत पदक दावेदारों में से एक माना जा रहा था।
सरिता कुमारी का प्रदर्शन
सरिता कुमारी, हरियाणा के फरीदाबाद की रहने वाली हैं, जो पैरा तीरंदाजी में भारत की एक और पदक उम्मीद थीं। सरिता ने राउंड ऑफ 16 के मुकाबले में इटली की एलोनोरा सार्टी को 141-135 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था। हालांकि, क्वार्टर फाइनल में तुर्की की ओज़नूर गिर्डी क्यूर से 144-138 की हार के साथ उनका सफर समाप्त हो गया।
सरिता ने भी एशियाई पैरा खेलों में महिला टीम स्पर्धा में रजत पदक जीतकर अपनी क्षमता का परिचय दिया था। इसके अलावा, उन्होंने पिछले साल विश्व तीरंदाजी पैरा चैंपियनशिप में मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण और महिला टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। पेरिस पैरालिंपिक में सरिता से भी काफी उम्मीदें थीं, लेकिन दुर्भाग्यवश वह क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ सकीं।
भारत की पदक उम्मीदें और आगे की राह
पेरिस पैरालिंपिक 2024 में अब तक का प्रदर्शन भारत के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। शीतल देवी और सरिता कुमारी की हार के बाद, भारत की पदक संभावनाएं कम हो गई हैं। दोनों तीरंदाजों ने अपने असाधारण प्रदर्शन और साहसिक संघर्ष से भारतीय खेल प्रेमियों का दिल जीता है, और भविष्य में उनसे और भी बड़ी उपलब्धियों की उम्मीद की जा सकती है।
भारत पेरिस 2024 पैरालिंपिक में अपना छठा पदक जीतने की कोशिश कर रहा है, और अब सभी की नजरें शेष प्रतियोगियों पर टिकी हैं।
By- Brajesh Kumar