नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियुक्तियों और इसकी संपत्तियों को पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार किया। यह आरोप लगाया गया है कि इन संपत्तियों की कीमत ₹100 करोड़ से अधिक हो सकती है।
अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी उनके दिल्ली स्थित आवास पर ईडी द्वारा की गई छापेमारी के बाद हुई, जिसमें उनके परिवार ने असंवेदनशीलता का आरोप लगाया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो में खान ने कहा, "ईडी तलाशी के बहाने मुझे गिरफ्तार करने आई है। मेरी सास कैंसर की मरीज हैं, उनका चार दिन पहले ऑपरेशन हुआ था। वे मेरे घर पर हैं, मैंने ईडी को इसकी जानकारी दी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने छापेमारी की।"
आज सुबह की तस्वीरों में, खान की सास बिस्तर पर लेटी हुई दिखाई दीं, जबकि खान एक ईडी अधिकारी से बात कर रहे थे और चार सप्ताह का समय मांग रहे थे। उनकी पत्नी ने भी ईडी की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा, "अगर मेरी माँ को कुछ हुआ तो मैं आपको कोर्ट ले जाऊँगी।"
अमानतुल्लाह खान ने ईडी पर आरोप लगाया कि वह पिछले दो साल से उन्हें झूठे मामलों में फंसा रही है और समस्याएँ पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि यह सब आम आदमी पार्टी को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। खान ने साफ कहा कि उनकी पार्टी इस दबाव से नहीं झुकेगी।
AAP की प्रतिक्रिया और ईडी की आलोचना:
AAP ने अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी की निंदा की है और इसे भाजपा द्वारा चुनावों से पहले राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को दबाने का प्रयास बताया है। पार्टी के नेताओं ने कहा कि यह कार्रवाई दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों से जुड़ी है। खान, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, और अरविंद केजरीवाल के बाद केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए चौथे हाई-प्रोफाइल AAP नेता हैं।
अमानतुल्लाह खान के खिलाफ आरोप 2016 से शुरू होते हैं, जब सीबीआई ने वक्फ बोर्ड मामले में जांच शुरू की थी। हालांकि, लंबी जांच के बाद भी सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। लेकिन अब ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया है। AAP ने इसे भाजपा के द्वारा विपक्षी नेताओं को दबाने के लिए की गई कार्रवाई बताया है, जो खासकर चुनाव से पहले संघीय एजेंसियों का उपयोग करके की जा रही है।
By- Brajesh Kumar Gaurav