गाँवो में पीने लायक नही है पानी,जांच करने पर T.D.S मान 3500 के पार | Rohtas News | Shivsagar Block News | Sasaram Ka Khabar |
Shivsagar: प्रखंड के दर्ज़नो गाँव के लोग दूषित पानी पीने को लेकर मजबूर हैं।गाँवो में लगे चम्पकल और अधिकतर ट्यूबवेल का पानी पीने लायल नही है।इससे ग्रामीण क्षेत्र में दूषित पानी पीने वाले लोगो की सेहत पर खराब असर डाल रहा है।दूषित पेयजल का सेवन करने वाले ग्रामीणों को पीलिया, घुटनों में दर्द,पेट दर्द,गैस बनना, सफेद बाल, दांतो में पीलापन, उल्टी-दस्त और त्वचा सम्बन्धी अनेक तरह की समस्याएं हो रही है। परंतु इसको लेकर न स्वास्थ्य विभाग गम्भीर है और ना ही जनस्वास्थ्य विभाग ने कोई ठोस कदम उठाया हैं।
दरअसल पिछले दिनों बीएचयू (बनारस) की टीम बिहार पहुची जहा जांच के बाद पता चला कि बिहार के 20 जिलों से अधिक पानी में आर्सेनिक नामक बैक्टीरिया मिला है।वही जांच करने आए विज्ञानिको ने बताया था कि पानी में इस तरह की बैक्टीरिया मिलने से लोगो मे गॉल ब्लैडर केंसर होने का खतरा सबसे अधिक होता है।
इस दूषित पेयजल का सेवन करने से शिवसागर प्रखंड के सिकरौर पंचायत,नाद पंचायत,आलमपुर पंचायत के गांवों सहित कई गांवों में ग्रामीण कई तरह की बीमारियां से पीड़ित हो रहे हैं।
पेयजल की समस्या को लेकर सिकरौर गांव निवासी (पत्रकार) अमित दुबे में बताया कि सिकरौर का भू-जल काला और पेय जल खारा नमक के समान लगता है पिछले दिनों मैंने पानी का जांच कराया जिसमे पानी का टी डी एस 3500 आया जो यह दर्शाता है कि सिकरौर गांव का पानी पीने लायक नहीं है ।और ग्रामीण लोग इन्ही गन्दी पानी के सहारे अपने जीवन यापन कर रहे हैं।परन्तु इस गंभीर समस्या पर विभाग का कोई ध्यान नही है।
-Amit Dubey