मानव शरीर हीं ज्ञान व विज्ञान का खान है : जीयर स्वामी/ Jeeyar Swami
Rajpur (Rohtas) : ईश्वर ने मानव शरीर में ज्ञान व विज्ञान दोनों एक साथ देकर इसे अन्य जीवों से श्रेष्ठ बनाया है.जिस बात की जानकारी बिना ज्ञान प्राप्ति के सम्भव नहीं है.समाज में व्याप्त बुराईयों का ज्ञान से हीं समाधान है.बिना ज्ञान के परमात्मा की भक्ति भी सम्भव नहीं.ज्ञान विज्ञान की जननी है और भक्ति की भी.उक्त बातें रविवार को क्षेत्र के बकुलाखोह गांव में भक्तों के विशेष निवेदन आमंत्रण पर आये श्री लक्ष्मी प्रपन्ना जियर स्वामी जी महाराज ने मौके पर मौजूद लोगों के बीच प्रवचन के दौरान कही.
उन्होंने कहा कि धर्म,अर्थ,काम व मोक्ष की साधना केवल मानव हीं कर सकता है.मानव शरीर ज्ञान व विज्ञान दोनों की खान है.हम अपने कर्मों के बल पर मानव शरीर नहीं प्राप्त कर सकते.जैसे कोई छोटा बालक पालने में मल मूत्र कर गंदा हो गया हो तो उसकी गंदगी बालक के बिछावन पर उलट पलट करने से दुर नहीं होता है.जब मां आकर बालक का कपड़ा उतारकर नहला देती है.तभी बालक निर्मल हो जाता है.
ठीक उसी प्रकार हम खुद अपने पापों से मुक्त नहीं हो सकते.ईश्वर के शरण में जाने पर हीं सम्भव है.
धर्म व अधर्म की चर्चा करते हुए कहा कि बाणी,व्यवहार अथवा बिचार से किसी को सुख की अनुभूति हो तो वहीं धर्म है.Jeeyar Swami ji Maharaj News
भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को धर्म बताते हुए कहा है कि शरीर का धर्म बदलता रहता है, लेकिन आत्मा का धर्म नहीं बदलता.हे अर्जुन मानव द्वारा खुद के आत्मा के आवाज को परमात्मा का आदेश मानकर किया गया कर्म हीं श्रेष्ठ धर्म है.
मौके पर आयोजक मनोज पाठक,अनिल सिंह,रंग लाल पाण्डेय,पडरिया पंचायत के मुखिया संतोष कुमार सिंह,पैक्स अध्यक्ष आयूष राज उर्फ गोलू समेत अन्य सैकड़ों भक्त गण मौजूद रहे.
-Rajnikant Tiwari