नोखा ब्लॉक के कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक है बेलगाम,बिना चढ़ावा के नहीं होता है काम | Rohtas News |
रोहतास जिला के सुर्खियों में रहने वाला नोखा प्रखंड में नही थम रहा है कमीशन खोरी भ्रष्टाचार का मामला. बता दे की कुछ ही दिन पहले एक मुखिया एवं पंचायत सचिव के बिच कमीशन बंटवारा को लेकर मारपीट की ख़बर हमारे चैनल द्वारा चलाई गई थी जिसके बाद प्रखंड के बड़े अधिकारियों ने मामला को किसी तरह समझा बुझा कर शांत कराया था।
उसके बाद भी कई तरह का खेल नोखा प्रखंड एवं अंचल कार्यालय के बड़े अधिकारियों की मिली भगत से चल रहा है.कमिशन खोरी और रिश्वतखोरी से आम पब्लिक के साथ साथ पंचायत प्रतिनिधि भी तंग आ गए हैं.प्रखंड और अंचल कार्यालय में दलालों का जमावड़ा रहता है,जिनके माध्यम से लोगों का काम हो रहा है.इन दलालों को वहां के अफसरों का सरक्षण प्राप्त है. अंचल कार्यालय और प्रखंड कार्यालय के कई कर्मचारी भी दलाल की भूमिका में ड्यूटी करते हैं. इस बात को लगभग आधा दर्जन मुखिया भी स्वीकार करते हैं.
प्रखंड कार्यालय में जन्म प्रमाण पत्र आदि के लिए पंचायत सचिवों को प्रसाद चढ़ना जरूरी होता है नही तो कई प्रकार की समस्या बता कर लोगो को परेशान किया जाता है.साथ ही मुखिया,पंचायत समिति के माध्यम से पूर्ण होने वाले योजनाओं का भी रेट फिक्स है. प्रतयेक योजना में 25-30 परसेंट का कमिशन कर्मचारी अधिकारी के बिच में बंट जाता है.यह लगभग तय है.सभी मुखिया देते भी हैं.
मनरेगा विभाग का तो कोई माई बाप ही नहीं है. विभाग में कई कर्मचारियों और अधिकारीयों के पास आय से अधिक की संपति है लेकिन इसपर शायद ही किसी की नजर है.
नोखा प्रखंड अंतर्गत योजनाओं में चलता है यह कमिशन का रेट
BDO 5%
BPRO 5%
JE 7%
कार्यपालक सहायक 2%
एकाउंटेट 2%
ग्राम सेवक 10%
उपरोक्त रेट के अनुसार कमीसन देंने के बाद ही मुखिया जी लोगों का पीछा छुटता है.ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है की अगर योजनाओं की 30 परसेंट से अधिक राशी कमीसन में ही बंट जाता है तो धरातल पर काम किस प्रकार होता होगा ? इसका जवाब मुखिया लोग दे सकते हैं.
नाम न छापने की शर्त पर एक पंचायत की मुखिया ने कहा की कमीशन के तनातनी को लेकर कई पंचायतों में पंचायत सचिव को बदल दिया गया है.
रत्नेश रमण द्वारा संपादित ...