आंगनवाड़ी में नहीं मिल रहा है बच्चों को भर पेट भोजन,तीन महीने से दूध भी है बंद | Rohtas District News | Anganwadi News Bihar |
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Rajpur प्रखंड अंतर्गत सरकार के बाल विकास परियोजना के माध्यम से छोटे-छोटे बच्चों के विकास के लिये 90 आंगनबाड़ी केंद्र चलाए जा रहे हैं.लेकिन किसी भी आंगनबाड़ी में बच्चों को भरपेट भोजन नहीं मिल रहा है.जिससे सेंटर पर आने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.
आंगनबाड़ी सेविका सेंटर में आने वाले बच्चों को 25 पैसा में फल खिला रही हैं.जबकी बजार में एक केला चार से पांच रूपया का मिल रहा है.ऐसे में सेविकाओं द्वारा केला,सेव अथवा किसी मौसमी फल के टुकडे का कौन सा हिस्सा बच्चों को उनके पौष्टिकता के लिये खिलाया जा रहा है,महंगाई भरे इस दिन में ये सुनकर किसी आश्चर्य से कम नहीं जान पड़ता.सेविकाओं द्वारा बताया जा रहा है,कि बच्चों को सेंटर में मिलने वाला दुध भी विगत तीन माह से बन्द है.बावजूद भी गरीबों को अपने बच्चों को भर पेट भोजन के लिये आंगनवाड़ी की जरूरत दिनों-दिन बढती जा रही है.
कहती हैं सेविका
भरपुर पोषाहार के अभाव में बच्चों में बढ़ रहे कुपोषण को ले सियांवक गांव स्थित केन्द्र संख्या 31 में पदस्थापित आंगनवाड़ी सेविका गिता देवी,राजपुर बजार केन्द्र संख्या 60 की सेविका चन्द्रावती देवी,मंगरवलिया केन्द्र संख्या दो की संचालिका असगरी खातुन व अमाडी केन्द्र संख्या चार की सेविका सुनिता देवी समेत अन्य ने बताया कि क्षेत्र अंतर्गत सरकार ने दो तरह के सेंटर स्थापित किये हैं.
बड़े सेंटर में 40 बच्चे नमांकित होते हैं.वहीं 20 बच्चों की क्षमता वाले कुछ छोटे सेंटर भी मौजूद हैं.सेंटर आने वाले बच्चों को सुबह में नाश्ता व दोपहर का भोजन देना है.जिसके लिए सरकार द्वारा महीने के कुल 25 कार्य दिवस के लिए प्रतिदिन के पोषाहार का मीनू तय किया गया है.
उन्होंने बताया कि सोमवार को नाश्ता में भुना चना और मूंगफली एवं दोपहर के भोजन में चावल का पुलाव खिलाना है.मंगलवार को नाश्ता में केला,पपीता या मौसमी फल,दोपहर में आलू चना का सब्जी व चावल,बुधवार को नाश्ता में अंकुरित चना और गुड,दोपहर में सोयाबीन की सब्जी व चावल,गुरूवार को पुनः केला पपीता या मौसमी फल,दोपहर में रशियाव,शुक्रवार को नाश्ता में दूध,दोपहर में कद्दू दाल व चावल अथवा साग दाल व चावल एवं शनिवार को नाश्ता में केला,पपीता या मौसमी फल व दोपहर के भोजन में खिचड़ी खिलाना है.
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सेविकाओं ने बताया कि कुछ माह पहले बड़े सेंटर के लिए पोषाहार हेतु सरकार से बीस हजार एक सौ छतिस रूपया एवं छोटे सेंटर के लिए दस हजार अडसठ रूपया की राशि मिल रही थी.जो विगत तीन चार माह से घटकर बड़े सेन्टर के लिये बारह हजार पांच सौ पैंतालीस व छोटे सेंटर के लिये मात्र तिरसठ सौ रुपया की राशि हीं उपलब्ध कराई जा रही है.जिससे परेशानी हो रही है.बावजूद भी बच्चों को अच्छी तरह से नाश्ता व खाना खिलाया जा रहा है.
कहते हैं विभाग के पदाधिकारी
मामले को ले विभाग की एल एस आरती कुमारी ने बताया कि क्षेत्र अन्तर्गत कुल 83 बड़े सेन्टर व सात छोटे सेंटर संचालित हैं.जिनके पोषाहार के लिये सरकार से जो भी राशि मिलती है,सेविकाओं को उपलब्ध कराई जाती है.विगत कुछ माह से दुध की आपूर्ति नहीं हुई है.
रजनीकांत तिवारी की रिपोर्ट ...