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Friday, August 26, 2022

10 वर्षों से भुतहा खँडहर बन गया है सासाराम का रुंगटा मध्य विद्यालय,कान में तेल डाल कर सो रहे हैं अफ़सर |

10 वर्षों से भुतहा खँडहर बन गया है सासाराम का रुंगटा मध्य विद्यालय,कान में तेल डाल कर सो रहे हैं अफ़सर | Bihar Education Department |

Rungta Madhya Vidhyalay Sasaram




एक ऐसा स्कूल जहाँ से पढ़े हुए हजारों छात्र आज भी सासाराम शहर में मौजूद होंगे | एक ऐसा सरकारी स्कूल जो शहर के बीचो बिच बच्चों के शोरगुल से गुलजार रहता था | एक ऐसा स्कूल जहाँ आज भी 378 छात्र पढ़ते हैं | लेकिन आधा दर्जन शिक्षकों और सैकड़ों छात्रों की गुहार सुनने वाला इस जिला में कोई नहीं है |




जी हाँ, हम बात कर रहे हैं रौज़ा रोड में स्थित रुंगटा मध्य विद्यालय सासाराम की | यहाँ आज भी 378 छात्रों का नामांकन तो है लेकिन लगभग पिछले दस वर्षों से विद्यालय में एक छात्र ने प्रवेश नहीं किया है | अब विद्यालय परिसर भुतहा खँडहर का रूप ले लिया है | कई बार विद्यालय में पदस्थापित प्रिंसिपल और शिक्षकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्राचार करते हुए विद्यालय भवन को बनाने की अर्जी लगाईं गई लेकिन किसी ने एक आश्वासन तक नहीं दिया है |




क्या है मामला ?

रौज़ा रोड में बाल विकास मैदान के पूरब दिशा में रुंगटा मध्य विद्यालय है | इस विद्यालय में क्लास एक से आठवी तक की पढाई होती थी | लेकिन जर्जर भवन के वजह से वर्ष 2013 (लगभग) में एक हादसा हुआ | हादसे में विद्यालय भवन टूट कर गिर जाने से दो छात्रों की दबकर मौत हो गई थी | तब से लेकर आजतक विद्यालय उसी अवस्था में ध्वस्त हो रहा है | उसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है |



वहां के नामंकित बच्चे बगल के चौखंडी पथ उच्च विद्यालय में जैसे तैसे पढाई करते हैं | शिक्षा पदाधिकारी के निर्देशानुसार यह व्यवस्था वर्षों पहले शुरू की गई थी | जो अबतक चलता आ  रहा है | सुबह सात बजे से ग्यारह बजे तक रुंगटा मध्य विद्यालय के छात्रों का क्लास चलता है | इसके बाद ग्यारह बजे से चार बजे तक हाई स्कूल के छात्रों की पढाई होती है | मतलब की मात्र चार घंटे ही मध्य विद्यालय के छात्रों को समय मिलता है |



चौखंडी पथ हाई स्कुल में पहले से ही पर्याप्त कमरें नहीं है,ऊपर से मध्य विद्यालय का भार भी उसी विद्यालय पर आ गया है | रुंगटा मध्य विद्यालय के शिक्षकों ने बताया की उन्हें किसी तरह बच्चों को पढ़ाना पड़ता है | कभी बरामदा तो कभी खुले में भी क्लास लगाना पड़ता है | कार्यालय के लिए भी कोई जगह नहीं मिला है,जैसे तैसे रजिस्टर और अन्य कागजात रखते हैं | शौचालय की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है | जैसे तैसे बस काम चल रहा है |



रुंगटा मध्य विद्यालय के प्रिंसिपल ने बताया की मीटिंग में भी जिला शिक्षा पदाधिकारी का कई बार ध्यान आकृष्ट कराया गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं है | लिखित आवेदन के माध्यम से भी ध्वस्त भवन निर्माण करने की मांग की गई लेकिन कोई आश्वासन तक नहीं मिला है | दस वर्ष से ज्यादा समय हो गया है लेकिन विभाग का आजतक ध्यान नहीं गया है | 


एकतरफ बिहार सरकार शिक्षा में गुणवत्ता और शैक्षणिक इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने की बात करती है,वहीँ दूसरी तरफ जिला मुख्यालय में सैकड़ो छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है |  

रिपोर्ट: राकेश मिश्रा 
संपादित: रत्नेश रमण 

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