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Thursday, August 25, 2022

बड़ा खुलासा : मात्र चार कमरों में पढ़ते हैं 2200 छात्र,न BEO सुनते हैं न DEO |

बड़ा खुलासा : मात्र चार कमरों में पढ़ते हैं 2200 छात्र,न BEO सुनते हैं न DEO | Shaundik High School Rajpur Rohtas |

Shaundik High School Rajpur


राजपुर (रोहतास): विकास फण्ड में लाखों रुपया जमा होने के बावजूद शौणडिक हाई स्कूल राजपुर के टूटे-फूटे भवनों की मरम्मती प्रधानाध्यापक नहीं कर पा रहे हैं.जिस कारण विद्यालय कैंपस में मौजूद दर्जनों कमरे क्षतिग्रस्त स्थित में पडे हुए हैं.विद्यालय प्रशासन अपने दम पर कुछ कमरों की मरम्मती करवा सकता है,लेकिन राशि खर्च करने के लिए प्रशासनिक मंजूरी की आवश्यकता है.



कक्षा 9 से 12 तक कुल 2200 छात्र-छात्राएं नमांकित है.जिनके पढ़न-पाठन लायक मात्र चार कमरे हीं विद्यालय में मौजूद हैं.जिस कारण विद्यालय प्रशासन अपने प्रयास के बावजूद भी छात्र-छात्राओं को व्यवस्थित तरीके से शिक्षण नहीं दे पा रहा है.




हाई स्कूल में पढ़ाई कर रहे छात्रों के अभिभावक मदन मोहन तिवारी,अभिषेक तिवारी,कन्हैया पाण्डेय,मुखिया योगेन्द्र चौधरी समेत अन्य ने कहा,कि सैकड़ों वर्ष के ब्रिटिश गुलामी के बाद 1947 में जब भारत को अजादी मिला,तो समाज में शिक्षा की रौशनी फैलाने के लिये उसी वर्ष राजपुर में शौणडिक हाई स्कूल की स्थापना की गई.


क्षेत्र अन्तर्गत स्थापित ये सबसे पुराना हाई स्कूल कभी अपने बेहतर शिक्षा के लिये जिला में सूचीबद्ध था.अभिभावक राजपुर हाई स्कूल में बच्चों को पढ़ाना अपनी शान समझते थे.विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं अपने परिवार व क्षेत्र का नाम रौशन किये हैं.लेकिन आज वहीं विद्यालय समय के साथ तरह-तरह की समस्याओं से घिरा हुआ है.


 उन्होंने कहा कि एक समय था,जब विद्यालय के पास बीस बाईस शिक्षक मौजूद थे.सबके लिये अलग-अलग कमरे मौजूद थे.सैकड़ों छात्रों को दस से चार बजे तक आठ घंटी की पढ़ाई थी.बेहतर पढ़ाई के साथ साथ छात्र-छात्राओं में अनुशासन व संस्कार भी कूट कूट कर भरा था.


बताते हैं प्रधानाध्यापक

विद्यालय के प्रधानाध्यापक रजनीश तिवारी ने बताया,कि कक्षा नौ के लिए 538,दस में 408,कक्षा ग्यारह में 455 व बारह में 394 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. 72 छात्रों की हाजिरी हेतु रजिस्टर तैयार कर एक कक्षा में पठन-पाठन हेतु व्यवस्था किया गया है.जिसके लिये कम से कम 30 कमरों और उतने ही शिक्षकों की आवश्यकता है.लेकिन दुर्भाग्यवश विद्यालय में मात्र चार कमरा हीं पठन पाठन लायक बचा हुआ है.शिक्षकों की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है.प्रधानाध्यापक समेत कुल 17 शिक्षक पदस्थापित हैं.काफी दिनों से संस्कृत विषय के शिक्षक का पद रिक्त है.विद्यालय में आदेशपाल के लिए 4 पद सृजित हैं.जिनमें दो मौजूद हैं.रात्रि प्रहरी का पद काफी दिनों से रिक्त है.एक आदेशपाल की ड्यूटी दिन में व दुसरे की रात में होती है.


विद्यालय के उत्तरी छोर पर स्थित आधा दर्जन कमरे विगत कई वर्षों से क्षतिग्रस्त स्थिति में पड़े हुए हैं.जिनके मरम्मती व विद्यालय परिसर में भवन निर्माण हेतु विभाग को कई बार पत्र भेजे गए हैं.
उन्होंने कहा कि विद्यालय विकास फण्ड में पांच लाख से ज्यादा जमा है.जिसके लिये विद्यालय प्रशासन की सम्मति है,कि परिसर अन्तर्गत उत्तरी हिस्से में टूटे भवनों की मरम्मती कराते हुए कमरों के दीवाल पर एस्बेस्टस लगाते हुए पठन पाठन लायक बना लिया जाये.राशि खर्च करने हेतु विभाग से मंजूरी की आवश्यकता है.जिसके लिये विभाग को पत्र दिए गए हैं.25 अगस्त को जिला शिक्षा पदाधिकारी के नेतृत्व में सभी हाई स्कूल के प्रधानाध्यापकों की बैठक में भी मामले को उठाया गया है.




मामले में बीइओ सचितानन्द साह ने बताया,कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के नेतृत्व में हाई स्कूल के प्रधानाध्यापकों की बैठक के दौरान राशि खर्च करने की अनुमति मांगी गई थी.जो विभाग द्वारा प्रदान कर दी गई है.जल्द ही विभाग के इंजीनियर एस्टीमेट तैयार कर निर्माण कार्य को शुरू करेंगे.

Rajnikant Tiwari-Journalist

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