आप नेता ने अग्निपथ योजना में संशोधन हेतु प्रधानमंत्री को लिखा पत्र | Aam Aadmi Party Rohtas | Agneepath Scheme Amendments | Letter To Prime Minister of India |
देश भर में अग्निपथ योजना को लेकर बवाल और विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है.तमाम विपक्षी दल और उनके कार्यकर्ता ग्रामीण स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक व्यापक मुहीम छेड़े हुए हैं.राजनितिक दलों के संगठनों द्वारा इस योजना की खामियां निचले स्तर तक पहुँचा दिया गया है.परिणामतः हर व्यक्ति अब अग्निपथ योजना Agneepath Scheme को नाजायज कदम बता रहा है.
आम आदमी पार्टी Aam Aadmi Party के नेता एवं काराकाट लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी ग़ुलाम कुन्दनम् ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सेना में सेवा देने के लिए लायी गयी नयी अग्निपथ योजना में सुधार करने का अनुरोध किया है। इस योजना के अनुसार 75% अग्निवीरों की सेवा चार वर्ष बाद समाप्त कर दी जाएगी। उनका भविष्य अनिश्चितता भरा प्रतीत हो रहा है, जिस कारण युवाओं ने भारी विरोध दर्शाया है।
सेना में युवा रोजगार एवं देशसेवा दोनों भाव लेकर जाते हैं। राजनीति तो सिर्फ समाजसेवा और देश सेवा का क्षेत्र है, तब भी उसमें पेंशन की व्यवस्था है, यहाँ तक की कई राजनेता तो दोहरा – तिहरा पेंशन अपने अलग-अलग कार्यकाल के लिए लेते हैं। वहीं अग्निवीर सैनिकों को पेंशन से वंचित किया जा रहा है और भूतपूर्व सैनिकों को मिलने वाली अन्य कई सुविधाएँ भी उन्हें नहीं दी जाएँगी। यह देश के युवाओं के साथ एक प्रकार का अन्याय और शोषण है। उक्त बातें गुलाम कुन्दनम ने अपने चिट्ठी में लिखा है.
योजना को वापस लेने या योजना में समुचित सुधार करने के बजाय देश की इंटरनेट सेवा बंद करना, कोचिंग संस्थानों को बंद कराना जैसे अनुचित दमनात्मक कार्रवाई की गयी जिससे आम नागरिकों को डिजिटल क्रिया कलापों में तथा विद्यार्थियों को अध्ययन कार्यों में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। इस प्रकार की कारवाई से विरोध को दबाया जा सकता है लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता है। जब अग्निवीर सैनिक 4 साल बाद सेवा से बाहर होंगे, तब समस्या फिर विकराल रूप में सामने आएगी।
उन्होेंने प्रधानमंत्री जी से मांग की है कि देश के युवाओं के हित में अग्निपथ योजना में 4 साल बाद सेवा से बाहर होने वाले 75% अग्निवीरों की भी अन्य सरकारी संस्थानों में 100% सेवा समायोजन करने का प्रावधान जोड़ा जाए। यदि सरकार ऐसा कर पाने में सक्षम न हो तो अग्निपथ योजना को वापस ले लिया जाए | पत्र की प्रति महामहीम राष्ट्रपति, रक्षामंत्री तथा तीनों सेनाध्यक्षों को भी प्रेषित किया है।
रत्नेश रमण-जनसागर न्यूज