बहादुर ही नहीं दानवीर भी थे वीर कुंवर सिंह, दो सौ बीघा जमीन दे दिया था धानरोपनी करने वाली महिला को : Bihar News/Veer Kunwar Singh jayanti/Veer Kunwar Singh Vijay Utsav/Kunwar Singh history/Jagdishpur Bhojpur/
जब बात वीर कुंवर सिंह की हो और उनसे जुडी हुई कहानियों का जीकर न हो तो बाबु कुंवर सिंह को समझना अधुरा सा लगता है.वीर कुंवर सिंह ने 23 अप्रैल को ही दुलौर में अंग्रेजी सरकार के सैनिकों को परास्त करके पहली युद्ध जीत लिया था.
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बाबु कुंवर सिंह न सिर्फ बहादुर थे बल्कि वह एक सच्चे और अछे व्यक्तित्वा भी थे.वह उस ज़माने के किसी दानवीर से कम नहीं थे.उनके दानवीरता का प्रमाण एक कहानी से पता चलता है.
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इनकी दानवीरता के अनेक किस्से मशहूर है .कहा जाता है की वे हाथी पर सवार होकर कही जा रहे थे .रास्ते में धान रोपने वाली महिलाएं हाथ में कीचड़ लेकर होली खेलने के बहाने से बख्सीस के लिए कुंवर सिंह के पास आई. पर एक महिला दूर ही खड़ी रही . सभी को बख्शीश देने के बाद कुंवर सिंह ने जानना चाहा की आखिर वह स्त्री क्यों नही आई? जब उक्त स्त्री को बुलाया गया, तो उसने बताया की रिश्ते में आप मेरे चाचा लगेंगे,क्युकी मै जगदीशपुर की बेटी हूँ .भला चाचा पर कीचड़ कैसे डालू ? पूरा परिचय जानकर उन्होंने स्त्री के नाम से 200 बीघे जमीन कर दिया और यह कहा की मेरी बेटी होकर यह रोपनी करे,यह उचित नहीं है .वह स्त्री दुसाध जाती की थी .इसलिए उस जमीन का नाम ही दुसाधी बधार पड गया है.आज भी वह जमीन उसी नाम से जाना जाता है..
--News Desk-Jansagar News