किसानों को मुफ्त में उर्वरक देगी बिहार सरकार ,शाहाबाद से होगी शुरुआत-Jansagar News - Bihar Hindi News | Silvassa News | DNH Latest News | Daman News | Breaking News Rohtas |

Bihar Hindi News | Silvassa News | DNH Latest News | Daman News | Breaking News Rohtas |

Trusted News Portal of Bihar, Dadra Nagar Haveli & Daman

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Wednesday, September 8, 2021

किसानों को मुफ्त में उर्वरक देगी बिहार सरकार ,शाहाबाद से होगी शुरुआत-Jansagar News


खेतों में जलाए जाने वाले पुआल से बनाया जाएगा बायोचार उर्वरक जिससे मिट्टी में कार्बन की कमी होगी दूर । लगभग 400 डिग्री सेंटीग्रेड पर अत्याधुनिक भट्ठी में जलाया जाएगा पुआल,  उससे निकलने वाला अवशेष बढ़ाएगा खेतों की उर्वरा-शक्ति, शाहाबाद से होगी शुरुआत, राज्य में पराली जलाने की सर्वाधिक शिकायतें इसी इलाके से....




















बिहार सरकार के द्वरा राज्य में धान के पुआल (पराली) को बहुत ही उच्च तापमान पर जलाकर बायोचार उर्वरक बनाया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह उर्वरक  मिट्टी में कार्बन की कमी को दूर करता है, लिहाजा इसे खेतों में डालने से उसकी उर्वरा-शक्ति बढ़ जाती है। फिलहाल बिहार के किसानों को यह उर्वरक मुफ्त में दिया जाएगा।


कृषि विभाग के अनुसार बायोचार उत्पादन के लिए विभाग कृषि विज्ञान केंद्रों में भट्ठी लगाएगा और किसानों से पुआल की खरीददारी करेगा। कृषि विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार जलवायु अनुकूल खेती के तहत बायोचार के उत्पादन की रोड मैप बनाई गई है। 



विज्ञापन



गौरतलब है कि इस उपक्रम से पर्यावरण को प्रदूषित होने से भी बचाया जा सकता है । दरअसल, पराली जलाने से निलकने वाला कार्बन डाई आक्साइड गैस वायुमंडल को प्रदूषित करता है, लेकिन बायोचार बनाने के लिए एक विशेष प्रकार की भट्ठी होती है जिससे कार्बन गैस ठोस के रूप में अवशोषित हो जाता है जिससे वायुमंडल को हानि नही पहुचती है । कृषि विभाग के सचिव डा. एन सरवण कुमार ने बताया है कि इस नई योजना को आने वाले तात्कालिक खरीफ फसल में धान की कटाई के साथ लागू किया जाएगा जिसके लिए विभाग ने दिशा निर्देष जारी कर दिया है।




 बायोचार कैसे बनता है!

भट्टी में 400 डिग्री सेंटीग्रेड पर पुआल को जलाया जाता है, उसके बाद जो ठोस रूप में कार्बन अवशेष बचता है, वही बायोचार होता है।   जलाने के बाद पुआल की मात्रा का लगभग 60 फीसद बायोचार निकलता है जिसको मिट्टी में खाद की जगह मिला देने से खेतों में कार्बन की कमी दूर हो जाती है।


डेढ़ लाख में लगेगी एक भट्ठी

उपरोक्त योजना की शुरुआत बिहार के शाहाबाद (आरा, बक्सर, रोहतास और कैमूर जिला) क्षेत्र से होगी। सबसे पहले शाहाबाद के क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले  किसान विज्ञान केंद्रों में भट्ठी की खरीद की जाएगी ।  जहाँ एक भट्टी की कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपये है।अमूमन  बिहार के सभी 38 जिलों की मिट्टी में कार्बन की कमी है। इसीलिए धीरे-धीरे राज्य के सभी जिलों में यह योजना लागू की जाएगी।




Post Bottom Ad