भारत अपने आज़ादी का 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है.आज के दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लाल किला पर ध्वजारोहण कर देश को संबोधित किया है.
क्या है झंडा फहराने का सही नियम |
बहुत कम लोग जानते हैं की ध्वजारोहण के लिए अलग से नियम कानून बनाए गए हैं.इन कानूनों के उल्लंघन करने पर दण्डित करने का भी प्रावधान बनाया गया है.तिरंगा से संबंधित नियमों के लिए भारतीय झंडा संहिता बनाया गया है.आइये अब जानते हैं ध्वजारोहण (झंडा फहराने) के लिए क्या क्या नियम है?
- झंडा एक्ट के मुताबिक तिरंगा हमेशा कॉटन या सिल्क या खादी का ही बना होना चाहिए.
- तिरंगा का आकार आयताकार और इसकी लम्बाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना जरुरी है.
- झंडा ऐसी जगह फहराना चाहिए जहाँ से वह साफ़ साफ़ दिखाई दे.
- सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बिच में में ही तिरंगा फहराया जाता है.
- यदि ध्वज का प्रदर्शन सभा मंच पर हो तो इस तरह से लगाया जाना चाहिए की वक्ता के दाहिने तरफ झंडा हो.
- झंडा यदि किसी अधिकारी के वाहन पर लगे तो,इस तरह से लगाया जाना चाहिए की वाहन के सामने बीचोबीच या दाहिने तरफ हो.
- ध्वज केवल राष्ट्रिय शोक पर ही आधा झुकाया जाता है.
- किसी अन्य झंडा को राष्ट्रिय ध्वज से ऊपर या ऊँचा नहीं लगाया जाएगा और न ही बराबरी में लगेगा.
- भारत के झंडा पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए.
- ध्वज(भारतीय झंडा/तिरंगा) यदि मैला अथवा फट जाए तो उसे एकांत में नष्ट करना चाहिए.
- शहीद अथवा आर्म्ड फोर्सेज के शव के अलावें अन्य किसी के शव पर झंडा को डालना अपमान की श्रेणी में आता है.
- तिरंगा को किसी भी तरह से नुकसान करने पर जेल हो सकती है.
- तिरंगा को जलाने पर उसे पानी में डूबाने पर तीन वर्ष तक की सजा हो सकती है.
झंडा फहराने का सही समय क्या है?
विशेष परिस्थिति में सरकारी भवनों पर तिरंगा रविवार अथवा छुट्टी के दिन को भी फहराया जा सकता है.तिरंगा फहराने का सही समय सूर्योदय से सूर्यास्त तक होता है.सूर्यास्त के समय तिरंगा को आदर सम्मान के साथ उतारा जाना चाहिए.
झंडा कब झुकाया जाता है?
लोक सभा के अध्यक्ष या भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के शोक के समय झंडा दिल्ली में झुकाया जाता है और केन्द्रीय मंत्रिमंडल मंत्री के समय दिल्ली में और राज्य की राजधानियों में भी झुकाया जाता है।समस्त भारत में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्रियों की मृत्यु पर झंडा आधा झुका रहेगा।
ध्वजारोहण और ध्वज फहराने में क्या अंतर है?
गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है और उसको खोलकर फहराते हैं और इसे झंडा फहराना कहा जाता है.स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले पर ध्वज को ऊपर की तरफ खींचकर फहराया जाता है और इसको ध्वजारोहण कहते हैं. अंग्रेजी में इसे Flag Hoisting कहा जाता है.
प्रायः यह देखा जाता है की जानकारी के अभाव में जाने अनजाने में राष्ट्रीय ध्वज/तिरंगा का अपमान हो जाता है.क्यूंकि बहुत कम लोगों को ही जानकारी है की झंडा फहराने के क्या क्या नियम होते हैं?